योगासन | Basics of Yogasana

Yogasana

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योगासन के Basics की सीमित समझ:

“योगासन” ये शब्द पूरी दुनिया में पहुंच तो गया लेकिन इसका असली मतलब 90% लोगो को सही से पता ही नहीं है। पूरी दुनिया में ये सिर्फ मुद्राओं (postures) के रूप तक ही सीमित रह गया है। यहां में कुछ basics समझाने की कोशिश करूंगा। योगासन “योग विद्या” का ही एक अंग है।

योगासन शब्द की उत्पत्ति:

योगासन दो क्रियाओं (processes) से मिलकर बना है। ” “योग+आसन” सबसे पहले समझते है आसान के बारे में –

1.योग:

मन के भटकाव को स्थिर करके जब आत्मा परमात्मा से मिलती है। उसी प्रिय मिलन को “योग” कहते है

2.आसन:

प्रकृति का अध्ययन(analysis) और निरीक्षण(test) करके शारीरिक स्वास्थ्य को stable और healty रखने के लिए जिस व्यायाम पद्धिती का आविष्कार किया गया, उसे ही “आसन” कहते है।

योग मार्ग के कुछ facts –

योगमार्ग से मोक्ष की प्राप्ति हेतु महर्षि “पतंजलि” ने 8 steps का वर्णन किया है। जिनके नाम है –

1) यम
2) नियम
3) आसन
4) प्राणायाम
5) प्रत्याहार
6) ध्यान
7) धारणा
8) समाधि

योगासनों का आविष्कार –

योग की उत्त्पति ही भगवान शिव से हुई है, शास्त्रों में उनको आदियोगी कहा गया है।

भगवान शिव

अर्थात् – जगत में जितने भी जीव जंतु है, उतने ही आसन हो सकते हैं, इसलिए भगवान शिव ने 84 लाख आसनों का वरण किया था। जीव जंतुओं की 84 लाख योनिया मानी जाती हैं, उन सभी के आकार में आसन किए जा सकते है। आसनों का आविष्कार करने वाले भगवान आदिनाथ शिव ही थे। उन्होंने उन सभी योनियों की संख्या के अनुसार आसनों का निर्देश दिया था। पर इतनी अधिक संख्या में आसनों को करना कठिन था तो समय समय पर अनेक विद्वानों ने उन आसनों की संख्या काफी कम की और 84 आसनों को अत्यंत उपयोगी मान कर उनका वर्णन किया और उनका नामकरण भी उन्हीं प्राणियों के नाम पर कर दिया गया । जैसे की –

1) मयूरासन (peacock pose)
2) भुजंगासन (snake pose)
3) सिंहासन (lion pose)
4) वृश्चिकआसन (scorpion pose)

मुझे आशा है की आपको हमारी पोस्ट “Basics of Yoga” अच्छी लगी होगी

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